मनी मैनेजमेंट कैसे सीखें

जैसा की हम सभी जानते हैं की पैसा हर इंसान के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। और बिना पैसों के इंसान की किसी भी जरुरत को पूरा करना लगभग नामुमकिन है , जहाँ एक तरफ पैसा हमारे भविष्य को सुरक्षित करने का जरिया है वहीँ हमारी वर्तमान की जरूरतों को पूरा करने का भी मुख्य साधन है।

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एक मिडिल क्लास व्यक्ति अपनी पूरी जिंदगी पैसा कमाता है फिर भी उसकी 90 % प्रतिशत प्रॉब्लम पैसों पर आकर अटक जाती है। और उसे लगता है की शायद वह पर्याप्त पैसा नहीं कमा पा रहा है जिससे उसकी सभी जरूरतें पूरी हो सकें , मगर यहाँ प्रॉब्लम यह नहीं की वह पर्याप्त पैसा नहीं कमा रहा बल्कि इसकी असल वजह मनी मैनेजमेंट का होना है।

दरअसल मनी मैनेजमेंट हमरे खर्चे और बचत का एक कॉम्बिनेशन है जो इसे समझ जाता है वह अपनी ज्यादातर जरूरतों को पूरा कर लेता है और जो नहीं समझ पता वह पूरी लाइफ अपनी इनकम को या किस्मत को जिम्मेवार ठहरता रहता है।

मनी मैनेजमेंट क्या है ? (What is Money Management in Hindi)

मनी मैनेजमेंट का मतलब है अपने पैसों को फ्यूचर प्लानिंग के लिए मैनेज करना। यह एक प्रकार कि फाइनेंसियल प्लानिंग होती है जिससे तहत आप अपने कमाए हुए या पहले से मौजूद धन को सही जगह इंवेस्ट करते हैं जिससे भविष्य में जरुरत पड़ने पर वह आपको अधिक से अधिक रिटर्न दे सके साथ ही जिसकी सहायता से धन की वृद्धि में मदद मिल सके।

हम ने बचपन से है कहावत तो जरूर सुनी होगी की पैसा ही पैसे खींचता है। मगर यह कहावत तभी संभव होती है जब पैसा सही जगह इन्वेस्ट किया गया हो। नहीं तो समय के साथ -साथ पैसा भी खर्च होता रहता है। इसलिए समय के साथ साथ मनी मैनेजमेंट भी बहुत जरुरी विषय बन गया है। और लोग भी इसकी जरुरत बखूबी समझते हैं।

मनी मैनेजमेंट या फाइनेंस मैनेजमेंट में आप अपनी आमदनी के अनुसार आप अपने खर्चे , सेविंग और इन्वेस्टमेंट को कुछ इस प्रकार मैनेज करते है ताकि वर्तमान समय से साथ साथ भविष्य में भी आपको पैसों की समस्या न आये।

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मनी मैनेजमेंट का क्या तरीका है ?

दरअसल हम सभी की इनकम का स्रोत अलग -अलग होता है जिससे कारण हमारी इनकम भी अलग अलग होना स्वाभाविक है साथ ही हमारे खर्चे भी हमारी लाइफस्टाइल , परिवार में मौजूद सदस्यों की संख्या , तथा जरूरतों में हमारी पसंद और प्राथमिकता सब कुछ अलग -अलग होते है जिससे हमारे मनी मैनजमेंट करने के लिए उठाये जाने वाले कदम भी अलग अलग हो जाते है।

इसलिए मनी मैनेजमेंट का कोई निश्चित तरीका तो नहीं है फिर भी कुछ जरुरी बातें हैं जो की मनी मैनेजमेंट के लिए बहुत उपयोगी हैं।

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पैसा बचाना यानि पैसा कमाना

मनी मैनेजमेंट की राह में सबसे जरूरी है पैसा बचाना सीखना। अपने खर्चों पर कंट्रोल करना सीखिए। सीखिए कि कैसे आप डे टू डे लाइफ की चीजों में बचत कर सकते हैं। पहले जमाने में लोग गुल्लकों में पैसा इकठ्ठा कर खुशियां खरीदते थे, उस चीज को हमेशा अपने दिमाग में रखिए।

आपके शॉर्ट टर्म, मीडियम टर्म और लॉन्ग-टर्म फाइनैंशल लक्ष्य, ऐसे लक्ष्य हैं जिन्हें आप अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए खुद अपने लिए निर्धारित करते हैं। फाइनैंशल लक्ष्यों को निर्धारित करने और उन्हें पूरा करने के लिए उठाये गए कदम से आपको मनी मैनेजमेंट में बहुत मदद मिलती है इससे आप

अपनी उन जरूरतों पर ध्यान केन्द्रित कर पाते है जो वाकई में आपके लिए उपयोगी है तथा गैर जरुरी या काम उपयोगी आवश्यकताओं को पहचानने में भी मद्दद मिलती है। जिन्हे काम करके आप अपनी सेविंग और बढ़ा सकते हैं। इसलिए अपना कामकाजी जीवन शुरू करते ही फाइनैंशल लक्ष्य निर्धारित करना

बहुत जरूरी है। आपके फाइनैंशल लक्ष्य, आपको कठिन परिस्थिति में भी जैसे मंदी के दौरान भी आपको फाइनेंसियल सपोर्ट देंगे। अपने फाइनैंशल लक्ष्यों को पूरा करने के लिए पहले आप छोटे छोटे लक्ष्य बनायें जिससे आप आसानी से पूरा कर सकें। ऐसा करने से आपको बड़े लक्ष्यों को पूरा करने में आसानी होगी।


और लगभग सभी काम अपनी भविष्य के लिए बनायीं गयी फाइनेंसियल प्लानिंग के अनुसार पूरा कर सकेंगे।

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मनी मैनेजमेंट के लिए कुछ महत्पूर्ण बिंदु (Important Tips For Money Management )‌‌

* अपनी इनकम और खर्चे का बजट बनाना।

* अपने खर्चों को कंट्रोल करना।

* जरुरी खर्चों की लिस्ट बनाना।

* अपने बजट के अनुसार खर्च करना।

* ऐसे खर्चों की लिस्ट बनाना जिन्हे काम करके एक्ट्रा बचत की जा सके।

* अचानक आने वाले खर्चों या एमर्जेन्सी खर्चे के लिए अलग से बजट बनाना।

* अपनी बचत को सही जगह इन्वेस्ट करना।

करें छोटी-छोटी सेविंग करें - आपने यह कहावत तो जरूर सुनी ही होगी कि बूंद-बूंद से घड़ा भरता है। इसलिए आप युवावस्था में ही कुछ सेविंग करनी शुरू कर सकते हैं। यदि आप अपनी आय का एक छोटा-सा हिस्सा सेविंग के रूप में रखेंगे, तो वृद्धावस्था में आपके पास अच्छी ख़ासी रकम होगी, जिससे आप आर्थिक परेशानी से बच सकते हैं।

इन्वेस्टमेंट पर दें ध्यान - आपका इन्वेस्टमेंट ऐसा होना चाहिए जिसमें रिस्क कम और रिटर्न ज़्यादा हो. आप अपनी सेविंग को शेयर मार्केट या म्युचुअल फंड में इन्वेस्ट करने की बजाय बैंक में पीपीएफ में डाल सकते हैं या आरडी करवा सकते हैं इसके अलावा पोस्ट ऑफिस में कोई सेविंग स्कीम ले सकते हैं. यहां इन्वेस्ट करने पर जोखिम नहीं रहता साथ ही अच्छा रिटर्न भी मिल जाता है। इसके साथ ही जीवन बीमा व हेल्थ इंश्योरेंस पर भी आप पैसे ख़र्च कर सकते हैं।

जिससे मुश्किल वक़्त कोई दुर्घटना घटने की इस्तिथि में आप अपने जाने के बाद अपनी फॅमिली को एक्स्ट्रा फाइनेंसियल सिक्योरिटी दे सकें। इसके अलावा हेल्थ इन्सुरेंस आपको अनचाहे मेडिकल खर्चों से बचा सकता है। इन बातों को ध्यान में रखकर मनी मैनेजमेंट किया जा सकता है।

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